Nalanda Seat: CM नीतीश के गढ़ में सेंधमारी की कोशिश, महागठंधन प्रत्याशी संदीप सौरभ ने अपने समर्थकों को दिया ये निर्देश
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Nalanda Seat: CM नीतीश के गढ़ में सेंधमारी की कोशिश, महागठंधन प्रत्याशी संदीप सौरभ ने अपने समर्थकों को दिया ये निर्देश

बिहार के नालंदा लोकसभा सीट पर आगामी चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला होने के कारण महागठबंधन इस किले को जरूर जीतने की कोशिश में जुटा है. राजद अध्यक्ष लालू यादव ने नीतीश कुमार के गढ़ में सेंधमारी का जिम्मा सीपीआई (माले) को सौंपी है.

कौशलेंद्र बनाम संदीप सौरभ

Nalanda Lok Sabha Seat: बिहार के नालंदा लोकसभा सीट पर आगामी चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला होने के कारण महागठबंधन इस किले को जरूर जीतने की कोशिश में जुटा है. राजद अध्यक्ष लालू यादव ने नीतीश कुमार के गढ़ में सेंधमारी का जिम्मा सीपीआई (माले) को सौंपी है. माले की ओर से डॉ. संदीप सौरभ को मैदान में उतारा गया है. वहीं एनडीए की ओर से नीतीश कुमार ने अपने विश्वासपात्र सिटिंग सांसद कौशलेंद्र पर ही भरोसा जताया है. इस सीट पर सातवें और अंतिम चरण में यानी 01 जून को मतदान होगा. मतदान का समय नजदीक आता देख सभी दलों के प्रत्याशी अपनी चुनावी गतिविधियों को तेज कर चुके हैं. 

इसी कड़ी में मंगलवार (14 मई) की देररात बिहार शरीफ के गढ़पर इलाके में महागठबंधन के स्थानीय नेताओं की अहम बैठक हुई. इस बैठक में महागठबंधन प्रत्याशी संदीप सौरभ भी मौजूद थे. इस दौरान संदीप सौरभ ने अपने समर्थकों से काफी सतर्क रहने का निर्देश दिया. जनसभा को संबोधित करते हुए डॉ. संदीप सौरभ ने आरोप लगाया कि मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में जिस तरह से चुनाव में धांधली की गई. उन्होंने कहा कि मुंगेर की तरह मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में भी धांधली की जा सकती है. उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन को भी भाजपा ने अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. चुनाव में धांधली अब भाजपा की पहचान बन चुकी है, इसलिए हम लोग नालंदा में चुनाव के दौरान पूरी तरह मुस्तैद रहेंगे. 

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इस सीट के जातीय समीकरण?

नालंदा के जातीय समीकरण पर गौर करें तो यहां कुर्मी जाति के वोटर्स की संख्या ज्यादा है. इस सीट पर कुर्मी वोटर्स 24 प्रतिशत से ज्यादा हैं. इसके अलावा यादव मतदाता 15 प्रतिशत और मुस्लिम वोटर्स लगभग 10 प्रतिशत हैं. वैसे यहां हर चुनाव में सवर्ण मतदाता भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं.  

रिपोर्ट- ऋषिकेश

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